भारत में बहुत से देवी देवताओं को मानने वाले लोग रहते हैं। लेकिन पूजा की शुरुआत में सबसे पहले गणेश भगवान की पूजा ही की जाती है। गणेश भगवान की आरती ही सबसे पहले पढ़ी जाती है।
लेकिन क्या आप इसे पढ़ने के सही समय दिशा और विधि के बारे में जानते हैं। यदि नहीं तो आइए आज के इस लेख में हम आपको गणेश भगवान की आरती को पढ़ने के तरीके के बारे में बताते हैं।
असली गणेश भगवान जी की आरती कौन सी है
जब इस लेख में हम बताने वाले हैं कि गणेश भगवान जी की आरती को कैसे किया जाना चाहिए तो सबसे पहला प्रश्न यह उठता है कि गणेश भगवान जी की आरती कौन सी होती है।
हम यहां पर आपको गणेश भगवान जी की आरती के शुरू के कुछ बोल बताने जा रहे हैं। बाकी आप चाहे तो इसकी आरती की किताब आपको बाजार में आसानी से मिल जाएगी। आप वहां से इसकी किताब को खरीद सकते हैं या फिर आप इंटरनेट के माध्यम से भी इस आरती के पूरे लिरिक्स निकाल सकते हैं।
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श्री गणेश जी की आरती पी डी ऍफ़ फाइल डाउनलोड
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गणेश जी की आरती का महत्व
गणेश जी की आरती को करने से मनुष्य को बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं नीचे हम आपको इन्हीं लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं।
- गणेश जी की आरती को करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि का वास होता है और शुभता भी बढ़ जाती है।
- जो व्यक्ति गणेश जी की आरती करता है उसके दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
श्री गणेश की आरती को पढ़ने का सही समय
इस बात को तो लगभग हर व्यक्ति जानता है कि मंदिर में दिन में पांच बार आरती की जाती है और घर पर किसी भी भगवान की आरती दिन में दो बार की जाती है। और यदि कोई मन्त्र का उच्चारण करना चाहते है जैसे पावरफुल हनुमान मंत्र या कोई और मंत्र तो वह सुबह सुबह किया जाता है
यदि आप घर में आरती करना चाह रहे हैं तो आपको एक बार सुबह को और एक बार शाम को आरती करनी चाहिए। इसके अलावा आप किसी विशेष पूजा में भी गणेश जी की आरती कर सकते हैं।
याद रहे किसी भी पूजा की शुरुआत में गणेश भगवान जी का स्मरण ही किया जाता है
इसीलिए चाहे आप किसी भी देवी देवता की चालीसा पढ़वाए या फिर किसी भी देवी देवता से संबंधित कोई भी पूजा पाठ करवाएं आपको सबसे पहले गणेश जी को ही याद करना है।
दीपावली में भी सबसे पहले थाली में स्वस्तिक चिन्ह को बना कर गणेश जी की आरती से शुरुवात की जाती है
जय गणेश जी की आरती करने की विधि क्या है?
किसी भी पूजा पाठ को करने से पहले यह बहुत जरूरी होता है कि हमें उसकी विधि के बारे में संपूर्ण जानकारी हो। जिससे कि कोई भी देवी देवता अनजाने में भी हमसे रूष्ट ना हो।
इसी क्रम में हम आपको बताने जा रहे हैं कि गणेश जी आरती की विधि क्या है।
- जब भी आप आरती की शुरुआत करने जा रहे हो आपको तीन बार शंख बजाना चाहिए। जब आप शंख बजा रहे हो तो आपका मुंह ऊपर की ओर रहना चाहिए और शंख की ध्वनि धीमे से तेज होनी चाहिए।
- आरती करते समय जरूरी है कि आप तालियां बजा रहे हो। आप आरती के शब्दों का उच्चारण सही कर रहे हो। साथ ही लय में भी गा रहे हो आप चाहे तो मंजीरे, ढोलक आदि का सहारा भी ले सकते हैं। लेकिन आरती को पूरे मन के साथ गाना चाहिए।
- आरती करने के लिए या तो आप कपूर का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर शुद्ध कपास से बनी हुई बत्ती का। याद रखें कि घी का दिया जलाना चाहिए तेल का दीपक नहीं जलाना चाहिए।
आइये एक नज़र में श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा व् इसके उच्चारण के फायदे के बारे में जानते है
गणेश जी की आरती की दिशा कौन सी है?
गणेश जी की आरती के लिए उनकी मूर्ति को किसी विशेष दिशा में नहीं रखा जाता है अपितु आरती उस दिशा में की जाती है जिस दिशा में आपका मंदिर स्थापित होता है।
इसीलिए यहां पर आपको यह जानना जरूरी है कि गणेश भगवान की मूर्ति को कौन सी दिशा में स्थापित करना चाहिए।
- गणेश भगवान की मूर्ति को उत्तर पूर्व दिशा या फिर पूर्व दिशा में रखा जाना चाहिए। यही दिशा गणेश भगवान की मूर्ति को स्थापित करने के लिए ब्रह्म दिशा मानी गई है।
आज के इस लेख के माध्यम से आपको श्री गणेश जी की आरती की दिशा गणेश भगवान की आरती को करने की विधि के बारे में जानकारी मिली। यह जानकारी हमने विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की है।
साथ ही यह लेख विभिन्न लोक मान्यताओं के आधार पर भी लिखा गया है। इसीलिए हमारा आपको यह बता देना जरूरी है कि इस लेख में लिखी गई कोई भी बात किसी भी प्रकार की ज्योतिष पुष्टि नहीं करती है।
यदि आप अपनी किसी समस्या का निवारण ज्योतिष शास्त्र के द्वारा चाह रहे हैं तो आप किसी अच्छे विशेषज्ञ से सलाह ले।
गणेश भगवान जी की आरती करते समय हमें भोग में क्या अर्पित करना चाहिए श्री गणेश जी को जिससे श्री गणेश जी की कृपा हमारे घर परिवार पर सदैव बनी रहे ??
कोई भी शुभ कार्य करने से पहले श्री गणेश जी का नाम लिया जाता है उनके नाम का जयकारा लगाया जाता है क्या हम जान सकते हैं इसके पीछे की कहानी क्या है ??
गणेश जी की आरती की शुरुआत करने से पहले तीन बार शंख बजाने के बारे में अपने यहां पर बताया है हम जानना चाहते हैं कि यदि किसी को शंख बजाना मैं आता हो तो उसे व्यक्ति को क्या करना चाहिए ??
गणेश जी की आरती करते समय मेरा मन अत्यधिक विचलित होता है अलग-अलग मन में ख्याल आते रहते हैं ऐसा कोई उपाय बताएं जिससे कि मेरा मन पूरी तरह से गणेश जी की आरती में लगे ??
गणेश भगवान की आरती क्या बैठ कर भी की जा सकती है या सिर्फ खड़े होकर ही हम आरती कर सकते है ??
सुबह-सुबह आरती करने का समय क्या होना चाहिए सूर्य देवता के उगने से पहले आरती करनी चाहिए या फिर सूर्य देवता के उदय होने के बाद ??
किसी भी शुभ काम का आरम्भ गणेश भगवन से ही क्यों शुरू किया जाता है इसके पीछे का क्या रहस्य है ???